मानव सभ्यता की शुरुआत: प्रागैतिहासिक युग का सफर

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इतिहास क्या है?

इतिहास वह अध्ययन है जिसमें हम मानव सभ्यता के विकास, उसके संघर्ष, उपलब्धियाँ, समाज, धर्म, राजनीति आदि के क्रमिक विकास को समझते हैं।*इतिहास = ‘इति’ + ‘ह’ + ‘आस’** यानी “ऐसा वास्तव में हुआ था।”

 

मानव विकास की शुरुआत

मनुष्य का विकास **आफ्रीका** में हुआ और वहां से वह एशिया, यूरोप आदि में फैला।भारत में **मानव उपस्थिति के प्रमाण** नर्मदा घाटी में मिले हैं (लगभग 5-10 लाख वर्ष पूर्व)। इनका जीवन जंगलों में, गुफाओं में और खानपान जंगली चीज़ों पर निर्भर था।

 

प्रागैतिहासिक काल का वर्गीकरण-

पुरापाषाण काल (लगभग 20 लाख वर्ष – 10,000 ईसा पूर्व)**

2. **मध्यपाषाण काल (लगभग 10,000 – 8000 ईसा पूर्व)**

3. **नवपाषाण काल (लगभग 8000 – 4000 ईसा पूर्व)**

4. **ताम्रपाषाण काल (लगभग 4000 – 1500 ईसा पूर्व)**

 

पाषाण युग (Stone Age)

यह काल मानव जीवन की शुरुआत का काल था।

  • पाषाण युग के लोग पत्थर के औजार बनाते थे।
  •  मुख्य कार्य: शिकार, भोजन संग्रह, पशुपालन की शुरुआत।

 

पुरापाषाण काल (Paleolithic Age)

समय:** 20 लाख वर्ष पहले से 10,000 ईसा पूर्व

* **जीवन शैली:** खानाबदोश, गुफाओं में निवास

* **उपकरण:** खुरदरे पत्थर से बने औजार (हथौड़ा, कुल्हाड़ी आदि)

* **प्रमुख स्थल:**

* *सोन और नर्मदा घाटी*

  * *भीमबेटका (मध्य प्रदेश)* – यहाँ गुफा चित्र मिले हैं।

 

### 🖌️ विशेष:

भीमबेटका की गुफाओं में बने चित्र शिकार, नृत्य और जानवरों को दर्शाते हैं।

 

मध्यपाषाण काल (Mesolithic Age)

समय:** 10,000 – 8000 ईसा पूर्व

* **उपकरण:** छोटे पत्थर के औजार (microliths)

* **नवीन कार्य:**

  * कुत्तों को पालना

  * आग का प्रयोग

  * शिकार के साथ-साथ कुछ अन्न भी उगाने लगे।

* **प्रमुख स्थल:**

  * *आहार (राजस्थान)*

  * *बागोर (राजस्थान)*

  * *दमदमा (उत्तर प्रदेश)*

नवपाषाण काल (Neolithic Age)

समय:** 8000 – 4000 ईसा पूर्व

 

* **नवीनताएं:**

 

  * कृषि की शुरुआत (गेहूं, जौ)

  * पशुपालन (गाय, भेड़, बकरी)

  * मिट्टी के बर्तन

  * स्थायी घर (कच्चे घर और झोपड़ियाँ)

 

* **प्रमुख स्थल:**

 

  * *महगौड़ा (कर्नाटक)*

  * *चिरांद (बिहार)*

  * *बुरझोम (कश्मीर)* – कुत्ते के साथ मानव की समाधि मिली है।

  * *कोल्दीहीवा (उत्तर प्रदेश)* – चावल के अंश मिले हैं।

 

ताम्रपाषाण काल (Chalcolithic Age)

समय:** 4000 – 1500 ईसा पूर्व

* **तांबा (Copper)** और पत्थर दोनों का प्रयोग

* **कृषि में निपुणता** और सामाजिक विभाजन शुरू हुआ।

* **प्रमुख स्थल:**

 

  * *इनामगांव (महाराष्ट्र)*

  * *कायथा (मध्य प्रदेश)*

  * *आहार (राजस्थान)*

 

### 🌆 विशेष:

 

ताम्रपाषाण काल ने सिंधु घाटी सभ्यता की ओर पहला बड़ा कदम बढ़ाया। यह समय **नगर सभ्यता की ओर संक्रमण** का काल था।

 

 

सभ्यता की ओर कदम

अब तक के विकास ने कुछ चीज़ों को जन्म दिया:

1. **गांवों का निर्माण**

2. **विभिन्न पेशे** (किसान, लोहार, कुम्हार)

3. **धार्मिक विश्वास** (प्रकृति पूजा)

4. **लेखन की तैयारी** (चिह्नों का प्रयोग शुरू)

5. **व्यापार की शुरुआत** (मिट्टी के बर्तन, तांबा, कृषि उत्पादों का आदान-प्रदान)

इन सारे परिवर्तनों ने एक ऐसी उन्नत सभ्यता को जन्म देने की नींव रखी, जिसे हम कहते हैं — **सिंधु घाटी सभ्यता**।

 

निष्कर्ष

इतिहास की शुरुआत केवल तिथियाँ याद करने का विषय नहीं है**, बल्कि यह समझने की प्रक्रिया है कि कैसे एक जंगली जीवन से मानव ने एक संगठित और सभ्य समाज की ओर कदम बढ़ाया। सिंधु घाटी से पहले मानव ने जो सीखा और किया, वही नींव बना आगे आने वाली सभ्यताओं का।

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