भारत रत्न 2024: कर्पूरी ठाकुर से आडवाणी तक की कहानी

भारत रत्न भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। यह सम्मान उन महान व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्र के विकास, कला, साहित्य, विज्ञान, खेल, और समाज सेवा जैसे क्षेत्रों में असाधारण योगदान दिया हो।

🏆 भारत रत्न की स्थापना कब हुई?

  • भारत रत्न की स्थापना 1954 में भारत सरकार द्वारा की गई।
  • यह पुरस्कार किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवाओं के लिए दिया जा सकता है, लेकिन मूल रूप से यह कला, साहित्य, विज्ञान और सार्वजनिक सेवा के लिए शुरू हुआ था।
  • बाद में इसमें खेल और अन्य क्षेत्रों को भी शामिल कर लिया गया।

भारत रत्न पुरस्कार 1954 में पहली बार तीन महान हस्तियों को दिया गया:

  • सी. राजगोपालाचारी स्वतंत्र भारत के पहले और अंतिम गवर्नर जनरल
  • सर्वपल्ली राधाकृष्णन – महान दार्शनिक और स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति
  • सी. वी. रमन – नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिक विज्ञानी

 

 

भारत रत्न पुरस्कार 1955 से मरणोपरांत (मृत्यु के बाद) भी दिया जाने लगा।अब तक कई महान हस्तियों को यह पुरस्कार मरणोपरांत मिला है

  • लाल बहादुर शास्त्री | 1966 
  • बिनोबा भावे | 1983 
  •  डॉक्टर भीमराव अंबेडकर  1990 
  •  नेताजी सुभाष चंद्र बोस\* 1992 (विवादित) |
  • जयप्रकाश नारायण  1999 
  • मदर टेरेसा  1980 
  • एम.जी. रामचंद्रन| 1988 
  •  कर्पूरी ठाकुर | 2024 
  • एम. एस. स्वामीनाथन | 2024 
  •  चौधरी चरण सिंह | 2024 |

भारत रत्न विदेशियों को भी दिया गया है। अब तक 5 विदेशी नागरिकों को भारत रत्न मिला है:

  •  खान अब्दुल गफ्फार खान | पाकिस्तान | 1987 |
  •  नेल्सन मंडेला | दक्षिण अफ्रीका | 1990 |
  • मदर टेरेसा | अल्बानिया/भारत | 1980 |
  • अब्दुल कलाम आज़ाद | भारत (मूलत: भारत) | 1992 |
  •  जापान के प्रो. ओहोनो | जापान | (संभावित शोध – नहीं मिला है भारत रत्न) |

 

रोचक तथ्य (Interesting Facts)

  • भारत रत्न का कोई नकद पुरस्कार नहीं होता, केवल एक ताम्रपत्र और मेडल दिया जाता है।
  • इसे प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है।
  • इसे पाने वालों को सरकारी प्रोटोकॉल में उच्च स्थान प्राप्त होता है।
  • कर्पूरी ठाकुर – बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, OBC आरक्षण के जनक
  • लालकृष्ण आडवाणी – पूर्व उपप्रधानमंत्री, भाजपा नेता
  • एम. एस. स्वामीनाथन – हरित क्रांति के जनक
  • पी. वी. नरसिम्हा राव – भारत के पूर्व प्रधानमंत्री
  • चौधरी चरण सिंह – किसानों के नेता, पूर्व प्रधानमंत्री

कर्पूरी ठाकुर

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  • कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी, 1924 को बिहार के समस्तीपुर जिले के पितौंझिया (अब कर्पूरी ग्राम) गांव में ग़रीब नाई परिवार में हुआ था।
  • कर्पूरी ठाकुर को उनके निधन 17 फरवरी, 1988 की 33वीं पुण्यतिथि के अवसर पर मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया।
  • उन्होंने 1952 में पहली बार सोशलिस्ट पार्टी की उम्मीदवार के रूप में संयुक्त विधानसभा क्षेत्र से बिहार विधानसभा चुनाव जीता था।
  • कर्पूरी ठाकुर वर्ष 1970-71 और 1977-79 तक दो बार बिहार में मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 1967-68 तक वह बिहार के उपमुख्यमंत्री रहे।
  • वे बिहार के पहले गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे।
  • उन्होंने भारत में पहली बार अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की आरक्षण नीति लागू की। 1977 में मुख्यमंत्री बनने के बाद कर्पूरी ठाकुर आयोग की सिफारिशों को लागू किया। जिस कारण पिछड़ी जातियों में नेतृत्व की आवश्यकता पड़ी।
  • वर्ष 1978 में उन्होंने राज्यस्तरीय आरक्षण नीति प्रस्तुत किया, जिसमें OBC, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (EBC), महिला और अन्य जातियों को वित्तीय रूप से पिछड़े वर्गों के लिए विशेष मौके देने हेतु आरक्षण उपलब्ध कराया गया।
  • बिहार में उन्हें जननायक कहा जाता है।
  • वे भारत के पहले ऐसे व्यक्ति, राजनीतिज्ञ भारत रत्न पाने वाले 17वें एवं बिहार से भारत रत्न पाने वाले चौथे व्यक्ति बने।

लाल कृष्ण आडवाणी

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  • भारत रत्न प्राप्त करने वाले पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवम्बर, 1927 को कराची (अब पाकिस्तान) में हुआ था।
  • वर्ष 1947 में वे आंध्रप्रदेश के राज्य क्षेत्र में आ गए। भाजपा के सहसंस्थापक सदस्य में से एक थे।
  • उन्हें ‘आडवाणी जी’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • उन्होंने पहली बार सांसद के रूप में 25 मार्च, 1990 को सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली थी। इस यात्रा की शुरुआत 25 सितम्बर, 1990 को समापन से गिरफ़्तारी तक चली।
  • अटल, 1979 में ‘जनसंघ’ छोड़कर भाजपा के लिए लगे रहे।
  • 2002 से 2004 तक भारत के सातवें उपप्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।
  • वे 1998 से 2004 तक भारत के गृहमंत्री रहे।
  • वे 2009 में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रहे।
  • उन्हें 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

एम. एस. स्वामीनाथन

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  • भारत की हरित क्रांति के जनक कृषि वैज्ञानिक प्रो. एम.एस. स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त, 1925 को तमिलनाडु के कुंबकोणम में हुआ था।
  • इनकी मृत्यु 28 सितम्बर, 2023 को चेन्नई में हुई।
  • स्वामीनाथन को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए जिनमें शामिल हैं–मैग्सेसे पुरस्कार (1986), यूनेस्को शांति पुरस्कार (1971) एवं अल्बर्ट-आइनस्टीन विश्व विज्ञान पुरस्कार (1986) शामिल हैं।
  • इसके साथ ही इन्हें पद्मश्री (1967), पद्म भूषण (1972), एवं विभूषण (1989) से भी सम्मानित किया गया।

पी.वी. नरसिम्हा राव

  • पी.वी. नरसिम्हा राव का जन्म 28 जून, 1921 को वर्तमान तेलंगाना (अब हैदराबाद) के करीमनगर जिले के लक्ष्मणचल में हुआ था।
  • इनका पूरा नाम पामुलापार्ती वेंकट नरसिम्हा राव था।
  • वह भारत के नौवें प्रधानमंत्री और दक्षिण भारत से पहले प्रधानमंत्री थे।
  • 21 जून 1991 से 1996 तक वे भारत के नौवें प्रधानमंत्री रहे।
  • नरसिम्हा राव ने रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय में भी कार्य किया था।
  • वे 1971 से 1973 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
  • 73वें और 74वें संविधानिक संशोधन अधिनियमों का कार्यक्रम पी.वी. नरसिम्हा राव के कार्यकाल के दौरान लागू हुआ।

चौधरी चरण सिंह

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  • चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसम्बर, 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में एक किसान परिवार में हुआ था।
  • इनके जन्मदिन को 23 दिसम्बर को राष्ट्रीय किसान दिवस (किसान दिवस) के रूप में मनाया जाता है।
  • इनकी मृत्यु 29 मई, 1987 को हुई थी।
  • वर्ष 1937 में पहली बार वे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चुने गए।
  • वर्ष 1979 से 1980 तक भारत के 5वें प्रधानमंत्री रहे। हालांकि, यह कार्यकाल भी अधिक नहीं रहा।
  • वे 1967-68 तक एवं पुनः वर्ष 1970 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

इन्हें किसान नेता व किसान मसीहा के रूप में जाना जाता है।

निष्कर्ष

भारत रत्न न केवल भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है, बल्कि यह देश की उन महान आत्माओं को श्रद्धांजलि है जिन्होंने भारत को आगे बढ़ाने में अपनी पूरी ज़िंदगी समर्पित कर दी। चाहे वह वैज्ञानिक हों, राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता या फिर खेल जगत की हस्ती — यह पुरस्कार उनके अतुलनीय योगदान को हमेशा अमर करता है।

भारत रत्न

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